सेंट थेरेसे आती हैं। वह अपने हाथ से लिए गुलदस्ते से एक गुलाब लेती है और मेरे ऊपर पंखुड़ियाँ उड़ा देती हैं। वह कहती हैं: "बच्चे, मेरी बात सुनो। मैं यीशु की स्तुति करने के लिए आई हूँ।"
“आज तुम्हारे बाहर बर्फ़बारी हो रही है। अगर सिर्फ एक गुच्छा गिरता, तो उसका कोई महत्व नहीं होता। बहुत सारे गुच्छों से ही बड़ी बर्फ़ की परतें बनती हैं। बलिदान भी ऐसा ही है। भगवान की नज़र में कई छोटे-छोटे, विनम्र बलिदान काफ़ी मायने रखते हैं। कभी शैतान को तुम्हें इसके विपरीत मनाने मत देना। हर बलिदान दिल में पवित्र प्रेम जितना मूल्यवान होता है जब वह अर्पित किया जाता है। यही तो भगवान देखते हैं, आत्मा के लिए बलिदान की कीमत नहीं।"