हमारी माता जी की ओर से
"जैसे-जैसे आत्मा स्वयं के लिए मरती है, वैसे-वैसे वह पवित्र प्रेम के मार्ग पर आगे बढ़ती जाती है और मेरे निर्मल हृदय में गहराई तक प्रवेश करती है। पवित्र प्रेम स्वर्ग में अनन्त प्रेम का पूर्वास्वाद है।"
हमारी माता जी की ओर से
"जैसे-जैसे आत्मा स्वयं के लिए मरती है, वैसे-वैसे वह पवित्र प्रेम के मार्ग पर आगे बढ़ती जाती है और मेरे निर्मल हृदय में गहराई तक प्रवेश करती है। पवित्र प्रेम स्वर्ग में अनन्त प्रेम का पूर्वास्वाद है।"
उत्पत्ति: ➥ HolyLove.org
इस वेबसाइट पर पाठ का स्वचालित रूप से अनुवाद किया गया है। किसी भी त्रुटि के लिए क्षमा करें और अंग्रेजी अनुवाद देखें।