"मैं तुम्हारा यीशु हूँ, जिसने अवतार लिया है।"
“अपने हृदय के प्रेम को तब तक परिष्कृत करो जब तक कि वह मेरे सबसे पवित्र हृदय से एक न हो जाए; फिर मेरी माता तुम्हें हमेशा अपने आगोश में रखेंगी जैसे वे आज रात मुझे पकड़े हुए हैं; फिर हमारे हृदय एकजुट होंगे, कभी अलग नहीं होंगे। वे एक साथ धड़केंगे।"
“किसी को या किसी चीज को अपनी शांति भंग न करने दो। विश्वास रखने वाला हृदय हमेशा शांत होता है, क्योंकि प्रेम हर स्थिति पर विजय प्राप्त करता है। प्रेम और विश्वास हमेशा दिल में एक साथ होते हैं - मिलकर काम करते हुए - एक साथ धड़कते हुए।"
“किसी के प्रति कोई द्वेष मत पालो। केवल पवित्रता की आकांक्षा रखो - केवल पूर्ण पवित्रता की। यह वह ऊँचा लक्ष्य है जो बीत नहीं जाता, बल्कि शाश्वत फल देता है।”