"मैं तुम्हारा यीशु हूँ, अवतार लेकर जन्म लिया।"
“तुम पूछ रहे हो कि अगर कोई आत्मा मृत्यु पाप की अवस्था में संपत्ति पर आती है, तो क्या उसे भेद की मुहर मिलती भी है? ऐसी आत्मा दूसरों से अधिक मुहर पाने योग्य होती है, क्योंकि मुहर मेरा प्रेम और दया क्रिया में है। मैं ज़रूरतमंद किसी को अपना प्रेम और दया कभी नहीं रोकूँगा। बेशक, यह आत्मा के लिए स्वतंत्र इच्छा का कार्य है कि वह इन अनुग्रहों और अंतरात्मा की दृढ़ता को स्वीकार करे या न करे। हर एक व्यक्ति के साथ ऐसा ही होता है जो यहाँ आता है।"