"मैं तुम्हारा यीशु हूँ, अवतार लेकर जन्म लिया।"
"तुम उन पक्षियों को देखते हो जिन्हें मैं तुम्हें भेजता हूँ। वे एक शाखा पर उतरते हैं और थोड़ी देर रुकते हैं। वह शाखा उनका पूरा ध्यान है - उनका वर्तमान क्षण सब कुछ है। तुम अतीत या भविष्य को अपने वर्तमान क्षण का इतना उल्लंघन करने की अनुमति मत दो। हर चीज के लिए एक उद्देश्य और समय होता है। प्रत्येक वर्तमान क्षण में जो आता है उसे स्वीकार करो, क्योंकि वहीं तुम्हारी दिव्य इच्छा के प्रति समर्पण निहित है।"
"तुम अक्सर कुछ चीजों का कारण नहीं देखते हो। परमेश्वर की योजना तुम्हारी अपनी तुलना अधिक जटिल है। उसके कारण अपने समय पर सामने आते हैं। विश्वास रखो कि मेरे पिता उसकी इच्छा में तय करते हैं जो तुम्हारे लिए सबसे अच्छा है। यह हृदय शांति का मार्ग है।"
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हम जानते हैं कि परमेश्वर उन लोगों के साथ सब कुछ भलाई के लिए काम करता है जो उससे प्रेम करते हैं, जिन्हें उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाया गया है।
सारांश: जो लोग परमेश्वर से प्रेम और विश्वास करते हैं उनके लिए सभी चीजें परमेश्वर की योजना और दिव्य इच्छा के अनुरूप कार्य करती हैं।
+-यीशु द्वारा पढ़ने के लिए पूछे गए शास्त्र छंद।
-शास्त्र इग्नाटियस बाइबल से लिया गया है।
-आध्यात्मिक सलाहकार द्वारा प्रदान किया गया शास्त्र का सारांश।